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About Us

पंडित श्री विशु गुरु जी धार्मिक अनुष्ठानों में रूचि अपने बालयकाल से ही थी, पंडित जी को समस्त प्रकार के अनुष्ठानो का प्रयोगत्मक ज्ञान एवं सम्पूर्ण विधि विधान की जानकारी गुरुकुल से प्राप्त हुई है, पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओं के निवारण के कार्यो को करते हुए १५ वर्षो से भी ज्यादा हो गया है।
वर्तमान में पंडित जी कालसर्प पूजापूर्ण वैदिक पद्धति द्वारा संपन्न करते हे ,इसके अतिरिक्त महामृत्युंजय जाप, दुर्गा सप्तसती पाठ भी आवश्यकता के अनुसार करते है, पंडित जी कुम्भ विवाह, अर्क विवाह, जन्म कुंडली अध्ययन अवं पत्रिका मिलान में भी सिद्धस्त है, इन समस्त कार्यो के साथ साथ पंडित जी वास्तु पूजन, वास्तु दोष निवारण एवं व्यापार व्यवसाय वाधा निवारण, याज्ञिक कर्म(रुद्र याज्ञ ,दुर्गा याज्ञ, विष्णु याज्ञ) बग़लमुखी जाप , मंगल दोष के लिए भात पूजा, कामना पूर्ति अनुष्ठान,ग्रहण दोष, विष दोष, एवं सभी मांगलिक कार्य सम्पूर्ण विधि विधान कराए जाते हे ।

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पूजा का उद्देश्य:

    • पूजा का उद्देश्य देवताओं के साथ आध्यात्मिक संबंध स्थापित करना है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना है।
    • इसका एक तरीका है ईश्वर के प्रति कृतज्ञता, भक्ति, और श्रद्धांजलि व्यक्त करने का।
  • पूजा के घटक:
    • मूर्ति या प्रतिमा: देवता का भौतिक प्रतिष्ठान का एक प्रतिष्ठान होता है, आमतौर पर मिट्टी या धातु से बना होता है।
    • अर्पण (प्रसाद): फल, फूल, मिठाई, और अन्य चीजें देवता को भक्ति के प्रतीक के रूप में अर्पित की जाती हैं।
    • धूप और दीप: धूप और दीप जलाना, आत्मीयता के प्रति इष्ट रूप से होता है।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश, भारत में स्थित है और यह श्रीमहाकालेश्वर शिव जी को समर्पित है, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं और भगवान शिव का पवित्र स्वरूप माना जाता है।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर:

  • स्थान: यह मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर के समीप शिप्रा नदी के किनारे स्थित है।
  • महत्व: यह मंदिर अत्यंत पवित्र माना जाता है और भक्तों के बीच विशेष आदर्श है।

पूजा और रिट्यूअल्स:

  1. भस्म आरती: महाकालेश्वर मंदिर की एक अद्वितीय विशेषता भस्म आरती है, जिसमें प्रमुख देवता, भगवान शिव, को भस्म से सजाया जाता है। यह रीति रोजाना सुबह के समय होती है।
  2. महाकाल आरती: भक्तगण महाकाल आरती में भाग लेते हैं, जो भगवान शिव की स्तुति में मंत्रों और भजनों का पाठ करती है।
  3. श्रृंगार दर्शन: भक्तगण को श्रृंगार दर्शन का अवसर होता है, जिसमें भगवान शिव की मूर्ति को विभिन्न आभूषण और परिधानों से सजाया जाता है।
  4. रुद्राभिषेक: यह महत्वपूर्ण रीति है जिसमें भक्त रुद्राभिषेक करते हैं, शिव लिंग पर पवित्र जल, दूध, और अन्य प्रशाद को चढ़ाते हैं, वेद मंत्रों के साथ।
  5. बिल्व पत्र पूजा: भगवान शिव को बिल्व पत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है और इससे आशीर्वाद मिलने का विश्वास है।
  6. नंदी दर्शन: भक्तगण नंदी, पवित्र बैल, की पूजा करते हैं, जो भगवान शिव की वाहन (वाहन) माना जाता है।
  7. प्रदोष पूजा: प्रदोष विशेष समय है जो भगवान शिव को समर्पित है, और इस समय पर विशेष पूजा की जाती है।

त्योहार:

  • महाशिवरात्री: महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्री का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। भक्तगण पूजा करने और भगवान शिव की कृपा को प्राप्त करने के लिए मंदिर में आते हैं।

 

ग्रहण दोष पूजा एक हिन्दू धार्मिक पूजा है जो किसी व्यक्ति के जन्मकुंडली में ग्रहण दोष के कारण उत्पन्न समस्याओं को दूर करने के लिए की जाती है। ग्रहण दोष का संबंध ग्रहणों के विशेष स्थिति या किसी ग्रह के प्रभाव से होता है, जिसके कारण व्यक्ति को जीवन में विभिन्न प्रकार की कठिनाओं का सामना करना पड़ता है।