बगलामुखी यज्ञ
भगवान विष्णु के आवाहन पर सरोवर से उत्पन्न होने वाली मां भगवती बगलामुखी की साधना करने से साधक की सभी आध्यात्मिक और भौतिक इच्छाएं मां पूरी करने में देरी नही करती । मां बगलामुखी के पूजन में पीली वस्तुओं का बड़ा महत्व है, माता के वस्त्र पीले रंग के ही होते हैं, यहां तक की इनके मंत्रों का जप करने के लिए भी पीली हल्दी गठान से बनी माला का ही प्रयोग होता है ।
प्राचीन तंत्र शास्त्रों में दस महाविद्याओं का उल्लेख मिलता है- 1- काली, 2- तारा, 3- षोड़षी, 4- भुवनेश्वरी, 5- छिन्नमस्ता, 6- त्रिपुर, भैरवी, 7- धूमावती, 8- बगलामुखी, 9- मातंगी, 10- कमला, । इन सबकी साधना का अपना ही महत्तव हैं लेकिन मां भगवती श्री बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे विशिष्ट माना गया हैं ।
पूजन में इन नियमों का पालन अनिवार्य हैं
कहा जाता हैं कि माता बगलामुखी की विशेष प्रयोजन हेतू की जानी वाली साधना या सामान्य पूजा पाठ में भी इन नियमों का पालन करना अनिवार्य माना गया हैं, अगर इन नियमों के अनुसार साधना करते हैं तो मां बगलामुखी की कृपा से साधक की हर इच्छाएं माता पूरी करके ही रहती हैं ।