महालक्ष्मी यज्ञ
प्राचीन समय में, ऋषि-मुनियों ने राजाओं-महाराजाओं के दरबारों में निरंतर सुख और शांति की प्राप्ति के लिए विभिन्न पूजा-पाठ आयोजित किए थे। इसके परिणामस्वरूप, पीढ़ियाँ एक दूसरे के पारंपरिक समृद्धि का आनंद लेती रहती थीं। इन अनुष्ठानों में से एक विशेष अनुष्ठान है, जिसे "सहस्त्ररूपा सर्व्यापी लक्ष्मी" कहा जाता है, और यह महालक्ष्मी जी की अत्यंत दुर्लभ और प्रभावशाली पूजा का हिस्सा है।