महामृत्युंजय मंत्र एवं पूजा क्यों होता है
महामृत्युंजय मंत्र एवं पूजा हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है, जो भगवान शिव को समर्पित होती है। यह मंत्र और पूजा विशेष रूप से मृत्यु से बचाव और उच्च स्तर की शांति के लिए की जाती है।
महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
महामृत्युंजय पूजा के मुख्य अंग:
- ध्यान और आवाहन: शिवलिंग का ध्यान करते हुए उसे स्थापित करना और आवाहन करना।
- अभिषेक: गंगाजल या धूप-दीप के साथ शिवलिंग का अभिषेक करना।
- मंत्रजाप: महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना, जिससे रोग-राहत, दुःख-शांति और दीर्घायु प्राप्ति की कामना की जाती है।
- अर्चना और प्रार्थना: शिवलिंग को फल, पुष्प, धूप, दीप आदि से पूजन करना और अपनी मांग करना।
- प्रसाद वितरण: अन्न, फल, नारियल आदि का प्रसाद वितरित करना।
यह पूजा मान्यता है कि उसे करने से व्यक्ति को मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है और उन्हें दीर्घायु, स्वास्थ्य और शांति प्राप्त होती है।