श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ क्यों होता है?
श्री विष्णु पुराण के अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ तो 14 रत्न में से लक्ष्मी माता का भी प्रादुर्भाव हुआ लक्ष्मी जी ने भगवान नारायण का वरण किया लक्ष्मी नारायण यज्ञ करने से भक्तों को अपार धन संपदा एवं अपार ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और इस यज्ञ को करने वाला इस लोक और परलोक दोनों स्थानों पर सुख प्राप्त करता है।
श्री निवास जगन्नाथ श्री हरे भक्तवत्सल।
लक्ष्मीपते नमस्तुभ्यं त्राहिमाम भवसागरात।।